सिकंदरपुर,बलिया।स्थानीय जल्पा स्थान पर गुरुवार को माली समाज के तत्वावधान में ज्योतिबा फुले की जयंती धूम-धाम से मनाई गई। जिसमे माली समाज के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। सर्वप्रथम ज्योतिबा फुले के तैल चित्र पर समाज के लोगों ने माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।इस दौरान बुजुर्गों को मिठाई खिलाकर बधाई शुभकामनाएं दी गई एवं उनसे आशीर्वाद की कामना की गई। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अवधेश माली तथा विशिष्ट अतिथि हरिंदर माली ने संयुक्त रूप से ज्योतिबा फुले के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर अवधेश माली ने कहा की ज्योतिबा फुले समाज सुधारक, दार्शनिक एवं लेखक थे,19 वी सदी में दमनकारी सामाजिक संरचना को चुनौती देते हुए अपना जीवन समर्पित किया। इन्होंने दलित समुदाय व महिलाओं के अधिकार के लिए संघर्ष किया। ज्योतिबा फुले ने 1873 में सत्यशोधक समाज की स्थापना की।इस मौके पर विशिष्ट अतिथि हरिंदर माली ने बताया कि ज्योतिबा फुले का मानना था समाज के समग्र विकास के लिए महिला शिक्षा अति आवश्यक है। फुले ने समाज सुधार के कई कार्य किए जैसे छूआछूत को मिटाना, सती प्रथा समाप्त करना, बाल विवाह बंद करना, विधवा पुनर्विवाह की वकालत की। फुले ने शिक्षा व रोजगार के लिए महिला पुरूष को समान अवसर प्रदान करना के प्रयास किए।इस कार्यक्रम के अध्यक्षता अरविन्द माली ने किया जबकि संचालन प्रमोद माली ने किया। इस मौके पर राजू सैनी, सुभाष सैनी, दीपक सैनी, गप्पू सैनी, रविंद्र सैनी, सुरेंद्र सैनी, धनंजय, पप्पू, नीरज सैनी, धीरज सैनी, छोटू, जितेन्द्र सैनी,बंटी सैनी, अंशु सैनी, शैलेंद्र सैनी, अमित सैनी आदि समस्त सैनी परिवार मौजूद रहे।