सिकन्दरपुर, बलिया। इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र महीना रमजान चल रहा है, इस मौके पर एक तरफ जहां बड़े- बुजुर्ग और मुस्लिम महिलाएं रोजा रखकर खुदा की इबादत कर रहे हैं,वहीं छोटे बच्चे भी रोजा रखने के प्रयास में लगे रहते हैं, तथा अपनें माता पिता से रोजा रखने की जिद करते रहते हैं मगर उनकी मासूमियत व तबियत खराब होने के डर से माता पिता उन्हें रोजा रखने की सलाह नहीं देते।मगर सिकन्दरपुर कस्बा के मोहल्ला डोमनपुरा निवासी गुलाम मुस्तफा का 7 वर्षीय पुत्र गुलाम शुभानी ने इसको सच कर दिखाया है,रमजान माह के अलविदा जुम्मा के दिन अपना पहला रोजा रखा। वहीं गुलाम शुभानी के रोजा रखने पर उसकी मां तरन्नुम खातून खुश तो थी मगर उन्हें उसकी तबियत की भी चिंता बनी हुई थी,उन्होंने शुभानी के इफ्तार के लिए पूरे दिन मेहनत कर उसके मनपसंद का तरह तरह का व्यंजन बनाया,वहीं शुभानी के पिता गुलाम मुस्तफा ने बाजार जाकर उसके मनपंसद सामान की खरीदारी की।आखिरकार शाम को मगरिब की अजान होने के बाद शुभानी नें इफ्तार करके अपने पहले रोजे को मोकम्मल किया,तथा दुवा मांगा।