बलिया,डेस्क। मनियर थाना अंतर्गत बहदुरा गांव में अपने मायके आई विवाहित की प्रसव के दौरान मौत होने का आरोप परिजन लगा रहे है। इसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर पर परिजनों ने घंटों हंगामा भी किया। जबकि चिकित्सक गर्भवती महिला को जीवित बता उसे जिला चिकित्सालय ले गए है। उधर सीएचसी पर हंगामा की खबर मिलते ही उपजिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए और लोगों को समझा-बूझकर मामले को किसी तरह शांत किया। बताते चलें कि मनियर थाने के बहदुरा गांव निवासी विश्वकर्मा यादव की 25 साल की विवाहिता पुत्री को शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे परिजन प्रसव पीड़ा के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर लेकर पहुंचे जहां चिकित्सक ने आपरेशन का सुझाव दिया,आपरेशन रूम में ले जाने के दो घंटे बाद परिजनों से किसी ने बता दिया कि प्रसूता की मौत हो गई है।इसकी जानकारी होने पर परिजन अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिए। हालांकि चिकित्सक ने प्रसूता को जीवित होना बताया और जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया, लेकिन परिजन प्रसूता को ले जाने से इंकार कर दिए। वह चिकित्सक पर लापारवाही का आरोप लगा कार्रवाई की मांग करने लगे। काफ़ी समझाने बुझाने के बाद बिना परिजनों के चिकित्सक अपने स्टाफ के साथ 108 एंबुलेंस से गर्भवती महिला को जिला अस्पताल ले गए, लेकिन परिजन देर शाम तक अस्पताल में कार्रवाई की मांग को लेकर डटे रहे। खबर मिलने के बाद उपजिलाधिकारी रवि कुमार, क्षेत्राधिकारी आशीष मिश्र, थानाध्यक्ष दिनेश पाठक व चौकी प्रभारी रविंद्र पटेल अस्पताल पहुंच व परिजनों को समझा बुझाकर कार्रवाई का आश्वासन दिए। उन्हें भरोसा दिलाया कि दोषी पाए जाने पर हर तरह की कठोरता कार्रवाई की जाएगी।मिली जानकारी के अनुसार बैरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत सुरेमनपुर गांव निवासी पिंकू यादव (25) पत्नी प्रदीप यादव अपने ससुराल में किसी के न होने के कारण मायके डिलीवरी कराने के लिए आई थी। शनिवार को पेट दर्द होने के बाद वह अपने भाभी सुगंती देवी व बहन रिंकू यादव के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर पहुंची। वहां चिकित्सक डॉ अंशुमन राय ने ऑपरेशन करने का सलाह दिया। चिकित्सक के कहने पर परिजन ऑपरेशन के लिए तैयार हो गए। आपरेशन रूम में ले जाने के दो घंटे बाद परिजनों से किसी ने बता दिया कि प्रसूता की मौत हो गई है। इसके बाद परिजन हंगामा करने लगे।हालांकि चिकित्सक डॉक्टर अंशुमन राय ने परिजनों को काफी समझाने बुझाने का प्रयास किया कि मरीज की हालत गंभीर है। इसको जिला अस्पताल रेफर कर रहे है, लेकिन परिजन नहीं मान रहे थे। थोड़ी ही देर में अस्पताल में भारी भीड़ जमा हो गई। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई, लेकिन परिजन जिला अस्पताल ले जाने के लिए तैयार नहीं हुए। करीब चार घंटे बाद पुलिस के हस्तक्षेप से चिकित्सक डॉक्टर अंशुमन राय व कुछ स्टाफ के साथ एंबुलेंस से प्रसूता को बलिया भेजा गया। इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर में इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ अंशुमान राय ने बताया कि प्रसूता अभी जीवित है। मेरे द्वारा परिजनों को बताया गया कि हालत गंभीर है वेंटिलेटर की जरूरत मरीज को पड़ेगी। बलिया ले जाना पड़ेगा, लेकिन परिजन ले जाने के लिए तैयार नहीं थे। मैं खुद जिला अस्पताल लेकर जा रहा हूं।