घाघरा नदी के बढ़ते जल स्तर से बंधे मे हो रहे रिसाव का जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण

विभागीय अधिकारियों को रिसाव रोकने हेतु जिलाधिकारी ने दिया सख्त निर्देश
सिकन्दरपुर, बलिया (विनोद कुमार)। घाघरा नदी का जलस्तर बहुत ही तेजी के साथ बढ़ रहा है। डूहा बिहरा गांव के पास दो जगह रिसाव हो रहा है। रिसाव की सूचना क्षेत्रीय सपा विधायक मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी को ग्रामीणों के द्वारा दी गई। उन्होंने सैफई में रहते हुए भी इसकी सूचना जिलाधिकारी को दी, जिस पर जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल अपने साथ पुलिस अधीक्षक एवं बाढ़ विभाग के अधिकारियों को लेकर डूहा बिहरा गांव में स्थित जमीदारी बंधा पर पहुंची और वहां उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। ग्रामीणों को उन्होंने आश्वासन दिया कि बंधे का रिसाव हर हाल में बंद किया जाएगा। इसमें आपका सहयोग भी चाहिए। उन्होंने लोकतंत्र सेनानी रक्षक सुनील बहादुर सिंह एवं सुरेश सिंह, छोटू सिंह, हरिश्चंद्र सिंह को बताया कि देवरिया के गुठनी बाजार के पास जो बंधा बनाया गया है। नदी का पानी उसी पर ठोकर मार कर ईधर की तरफ आ रहा है। उन्होंने बाढ़ विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया कि यहां पर पानी रोकने का अप्रोच बनाया जाना बहुत आवश्यक है और अप्रोच ठोकर बनाने के लिए स्टीमेट तैयार करते हुए शासन को भेजने के लिए कहा। जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने कहा कि हमारे माध्यम से जितना होगा। उतना करने का प्रयास करूंगी। आप लोग की बात को रखा जाएगा। वही नागा बाबा की कुटी के पास घाघरा का पानी हिलोरें मार रहा है। जमीदारी बंधा से मात्र 10 मीटर दूरी पर घाघरा की लहरें ठोकर मार रही हैं। नागा बाबा के खूंटी के पास कई पेड़ नदी में समाहित हो गए हैं और कुछ पेड़ वहां लगे हुए हैं। पेड़ की वजह से जमीदारी बांधा बचा हुआ है नहीं तो वह भी ठोकर मार कर समाप्त हो जाता, जब जमीदारी पर बंधा टूट जाएगा तो फिर 1998 की हालात हो जाएगी और दर्जनों गांव पानी में समाहित हो जाएंगे। लेकिन बाढ़ विभाग के अधिकारी एवं सिंचाई विभाग के अधिकारी ठेकेदारों के माध्यम से बंधे की मरम्मत करने में लगे हुए हैं। ग्राम विकास अधिकारी योगेंद्र कुमार भी मौके पर पहुंचे थे और बंधे पर हो रहे रिसाव को देखा। ग्रामीण युवक बोरे में मिट्टी भरकर जो रिसाव हो रहा है उसके पास रख रहे हैं। ठेकेदार के द्वारा अपनी व्यवस्था के माध्यम से बाढ़ विभाग के अधिकारियों के द्वारा जो आदेश दिया जा रहा है उसके अनुसार काम कर रहे हैं। घाघरा नदी एक बार पुनः उफान पर है। नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है और वह अपने 1998 के रिकार्ड को तोड़ने को आतुर है। 1998 की ही भांति इस बार भी क्षेत्र के प्रायः सभी दियारे जलमग्न हो गए हैं। पानी की अधिकता के कारण बची खुची अधिकांश फसलें या तो उस में डूब गई हैं अथवा डूबने के कगार पर हैं। दियारों के किसानों के अधिकांश डेरे पानी से घिर गए हैं, जिससे भयभीत हो कर सभी किसान अपने डेरे छोड़ कर माल मवेशियों के साथ भाग कर टीएस व रिंग बंधा एवं अन्य सुरक्षित स्थानों पर शरण ले लिए हैं। उधर मनियर मार्ग पर स्थित शेखपुर काँटा से निर्माणाधीन खरीद-दरौली घाट तक जाने वाले कच्चे अप्रोच मार्ग पर पानी चढ़ता जा रहा है और स्टीमर घाट के जगह को बार बार बदलना पड़ रहा है। इस वर्ष चौथी बार नदी के तल्ख तेवर को देख तटवर्ती गांवों एवं दियारों के निवासी आश्चर्यजनित सकते में हैं। वे पानी में डूबती और बर्बाद होती जा रही अपनी फसलों को देख कर हाय हाय करने को विवश हैं। साथ ही वे सरयु मैया को गोहराने लगे हैं कि मैया हमें बर्बाद कर के ही छोड़ेंगी क्या?

Post a Comment

Previous Post Next Post